जिस देश में लोगों को शिक्षित ही नहीं होने दिया जा रहा, मत खरीदा जाता हो, जातिवाद एवं वंशवाद हावी हो, जनप्रतिनिधियों के आय के आंकड़ों का सत्यापन तक नहीं होता हो, तब इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकार्णो क्या गलत कह गए थे कि भारत को अभी “ निर्देशित लोकतंत्र ” ही चाहिए।